टीचर (शिक्षक) बनने के फायदे



आजकल ऐसा देखा गया है कि बहुत सारे लोग टीचर नहीं बनना चाहते हैं, वे लोग टीचर बनने की जगह कोई और जगह नौकरी ढूंढने लगते हैं। लेकिन अगर आप ध्यान से टीचर की जॉब के बारें मे सोचें तो इसमे बहुर सारी खूबियाँ हैं, जो इस तरह से हैं।

टीचर बनने का सबसे पहले तो यह फायदा है कि टीचर बनने की ट्रेनिंग सबसे पहले लोगों को बचपन मे स्कूल मे ही हो जाती है। सभी बच्चे स्कूल मे अपने टीचर के संपर्क मे रहते हैं, और वे अपने टीचर को ध्यान से देखते हैं, और वे टीचर के काम काज का तरीका बहुत ज्यादा जान लेते हैं।

टीचर (शिक्षक) बनने का दूसरा फायदा यह है कि ज़्यादातर शिक्षकों को एक दिन मे कुछ ही क्लास को पढ़ाना रहता है। उन्हे एक साल मे बहुत सारी छुट्टियाँ मिलती है, जिसमे गर्मी छुट्टी भी शामिल है। गर्मी छुट्टी generally एक महीने से ज्यादा की होती है।

टीचर (शिक्षक) बनने का तीसरा फायदा यह है कि टीचर (शिक्षक) को पढ़ाने के लिए हर बार बहुत ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। अगर टीचर ने अपने नोट्स अच्छी तरह बना लिए हैं तो उन्हे क्लास मे अपने नोट्स से पढ़ाना काफी आसान हो जाता है। उसी नोट्स का उपयोग वे अगली साल फिर से क्लास लेते वक्त कर सकते हैं।

चौथा फायदा यह है कि टीचर के ऊपर ज़िम्मेदारी बहुत ही कम रहता है। क्लास मे असली मेहनत तो विद्यार्थियों को करना पड़ता है। पढ़ाने के काम मे किसी तरह का पैसे का लेन देन नहीं होता है, इसलिए किसी तरह का रिस्क नहीं होता है। इस नौकरी मे शिक्षक के सुरक्षा को कोई खतरा भी नहीं होता है। अगर टीचर किसी कारण वश क्लास नहीं पहुँच पाता है तो बहुत सारे लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है और किसी के जान माल का भी नुकसान नहीं होने वाला है।

पांचवा फायदा यह है कि टीचर किसी बच्चे का भविष्य संवार सकता है, वह बच्चा ज़िंदगी भर अपने टीचर का आभारी रहता है।

छठा फायदा यह है कि टीचर अपने काम से कभी ऊबता नहीं है, वे हमेशा बहुत सारे विद्यार्थियों के संपर्क मे रहता है, इससे उन्हे काफी अच्छा लगता है।

सातवाँ फायदा यह है कि टीचर को शारीरिक परिश्रम नहीं करना पड़ता, उसे तो बस एसी रूम मे या पंखे के नीचे आराम से बैठ कर बच्चो को पढ़ाना रहता है।

आठवां फायदा यह है कि टीचर को समाज मे बहुत सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।

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