कॉलेज में कैंपस प्लेसमेंट से नौकरी कैसे मिलती है



अगर कॉलेज काफी अच्छा हो तो बहुत सारी कंपनियां खुद कॉलेज आती हैं और अच्छे-अच्छे विद्यार्थियों को नौकरी पर लगाती है। यहां पर छात्रों को नौकरी पाने के लिए कंपनियों का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है। कैंपस प्लेसमेंट में एक ही जगह पर बहुत सारी कंपनियां अच्छे-अच्छे स्टूडेंट्स को लेने के लिए मुकाबला करती हैं। कॉलेज के छात्र-छात्राओं को भी इससे काफी फायदा होता है। अगर वह पढ़ाई में अच्छे हो तो उन्हें काफी अच्छी कंपनी में काम करने का मौका मिलता है।

कैंपस प्लेसमेंट पढ़ाई खत्म होने के पहले ही लड़कों और लड़कियों को नौकरी में लगा देता है जिससे उन्हें पढ़ाई खत्म होने के बाद नौकरी के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता है। लोगों को यह लगता है कि भला कंपनियों को अच्छे स्टूडेंट्स को लेने के लिए क्यों इतनी मेहनत करनी पड़ती है। असल में बहुत सारे कंपनियों को चलाने के लिए कई मेहनती और तेज तर्रार लोगों की जरूरत होती है और ऐसे लोग उन्हें कॉलेज में मिल जाते हैं। यही सब लड़के कंपनियों को आगे की ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करते हैं इसलिए वे लोग सबसे पहले आकर छात्र-छात्राओं को अपनी कंपनियों में शामिल करना चाहते हैं। वे इस बात से डरते हैं कि कहीं यह प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएं किसी दूसरी कंपनियों में ना ज्वाइन कर लें।

कैंपस प्लेसमेंट के दौरान कई सारी कंपनियां एक साथ कॉलेज में आती हैं और सभी कंपनियां कुछ विद्यार्थियों का इंटरव्यू और रिटन एग्जाम लेती है और उनमें सफल छात्र व छात्राओं को नौकरी देने का ऑफर प्रदान करती है। अब यह छात्र व छात्राओं पर निर्भर करता है कि वह उनके ऑफर को स्वीकार करें या ना करें।

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