दीपावली (दिवाली) पर निबंध



दीपावली हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इसे रोशनी का त्यौहार भी कहा जाता है। इस त्योहार का शुरुआत भगवान श्रीराम 14 साल का वनवास काटकर और लंका में रावण को मार कर अयोध्या लौटे थे। इसी खुशी को मनाने के लिए लोगों ने घरों के आगे दीप जलाकर उत्सव मनाया था। तभी से यह त्योहार हर साल इस दिन को याद करने के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

दीपावली जिसे दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व सामान्यतः मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर के बीच में आता है। हिंदू कलेंडर के अनुसार कार्तिक की अमावस्या के दिन दीपावली मनाया जाता है। दीपावली पांच दिनों तक चलने वाला  त्योहार है। लेकिन जिस दिन लोग घरों में दिये जलाते हैं और अपने घरों को सजाते हैं, वही दिन सबसे प्रमुख माना जाता है। दीपावली के पहले दिन धनतेरस मनाया जाता है। धनतेरस में लोग गहने और सामान खरीदते हैं। इसके दूसरे दिन छोटी दिवाली, तीसरे दिन दीपावली या लक्ष्मी पूजा, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवे दिन भैया दूज मनाते है।

दिवाली का इंतजार लोगों को बहुत पहले से रहता है। इसकी तैयारी लोग बहुत पहले से शुरू कर देते हैं। लोग अपने घरों, दुकानों और आसपास की जगहों को अच्छी तरह साफ करते हैं। दीपावली के दिन लोग अपने घर, ऑफिस या अलग-अलग संस्थाओं को काफी अच्छी तरह से सजाते हैं और रात को दीये जलाकर और दूसरी लाइटों से काफी जगमगाहट उत्पन्न करते हैं।

सभी लोग खासकर के बच्चे दीपावली की रात को पटाखे छोड़ते हैं। दीपावली की शाम को लोग अपने घरों में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते हैं। दीवाली के दिन लोग अपने मित्रों और परिवार के लोगों से मिलते-जुलते हैं और एक दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं। इस त्योहार से लोगों में आपस में भाईचारा बढ़ता है।

गुजरात और अन्य कई जगहों पर दीपावली को नए साल का शुरूआत माना जाता है। इसी दिन व्यापारी लोग नए बही खाता बनाते हैं। यह त्यौहार सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कई जगह मनाई जाती है।

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