गांव का जीवन (ग्रामीण जीवन) पर निबंध



भारत की लगभग 70%  आबादी गांवों में रहती है। गांव में रहने वाले ज्यादातर लोग खेती या उनसे जुड़े व्यवसायों में लगे रहते हैं। गांव में रहने वाले ज्यादातर लोगों की आमदनी ज्यादा नहीं होती है और वह लोग ज्यादा अमीर नहीं होते हैं। गाँव में ज्यादातर लोगों का रहन-सहन साधारण होता है। गांवों में चारो ओर हरियाली होती है। अगर आप गांव में जाएं तो आपको काफी शांति मिलेगी और गांव में शहरों की तुलना में काफी कम शोरगुल होता है।

आजकल बहुत सारे लोग गांव से निकलकर शहरों की ओर आ रहे हैं क्योंकि उन्हें शहरों में ज्यादा आमदनी वाला अच्छा रोजगार मिल रहा है। पुराने जमाने में गांव में काफी सुविधाएं होती थी, लेकिन अब ज्यादातर गांवों में सुविधाएं कम होती जा रही है क्योंकि अब कई सारे मेहनती लोग गांव छोड़-छोड़ कर शहरों में जा रहे हैं। पहले जमाने में गांव के लोग आपस में काफी मिलजुल कर रहा करते थे, वह लोग एक दूसरे की काफी मदद किया करते थे और गांव अपने आप में पूरी तरह से आत्मनिर्भर रहा करता था। लेकिन अब समय बदल चुका है अब गांव में आत्मनिर्भरता की कमी होती जा रही है, गांवों में गरीबी बढ़ती जा रही है, खेती करने के लिए मजदूर कम पड़ते जा रहे हैं, किसानों को खेती करना मुश्किल होता जा रहा है, खेती के लिए जमीन कम पड़ती जा रही है और खेती के लिए पानी भी मिलना मुश्किल होता जा रहा है, किसानों का कर्ज बढ़ता जा रहा है जिससे गांव के लोगों की खुशहाली कम होती जा रही है। अब गांव में रहने वाले लोग खेती में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं और वह लोग अपने बच्चे को पढ़ा-लिखा कर गांवों से दूर करना चाहते हैं। लेकिन सच्चे मायने में भारत की संपूर्ण विकास के लिए गांवों का विकसित होना बहुत जरूरी है और गांवों का विकास तभी अच्छी तरह हो सकता है जब गांव में रहने वाले लोग ज्यादा से ज्यादा शिक्षित हो और गांवों के विकास में संपूर्ण योगदान करें।

आज भी गाँवों के अंदर कई सारी कुरीतियां चली आ रही है जैसे बाल मजदूरी, बाल विवाह, बंधवा मजदूरी, जाति भेदभाव आदि। गांव में बच्चों की पढ़ाई पर भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है, जिसके कारण गांव में रहने वाले बच्चे आगे चलकर पिछड़ जाते हैं। गांव का विकास तभी हो सकता है जब ज्यादा से ज्यादा लोग गांवों के विकास से जुड़े, गांवों को अच्छी सड़क से जोड़ें और वहां पर दूरसंचार की मदद से सूचना क्रांति का प्रसार करें। सभी गांवों में लघु उद्योग को बढ़ावा देना चाहिए जिससे वहां के लोगों में आत्मनिर्भरता बढ़ सके और गांव में रहने वाले लोगों की गरीबी दूर हो सकें। जब गांव की गरीबी दूर होगी तभी देश की गरीबी दूर हो पाएगी।

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