महिला सशक्तिकरण पर निबंध



महिला सशक्तिकरण का सबसे पहला मतलब यह निकलता है कि महिलाओं को शक्ति प्रदान करना। महिलाओं को शक्ति देने की बात इसलिए हो रही है क्योंकि अभी हम जिस समाज में रह रहे हैं, उसमें महिलाओं को कमजोर समझा जाता है। पुराने जमाने से ही भारत में पुरुषों को घर का प्रधान माना जाता रहा है और महिलाओं को पुरुषों के अधीन काम करना पड़ता है। यह एक तरह से महिलाओं पर अत्याचार है।

आज के युग में जब शारीरिक ताकत का कोई महत्व नहीं रह गया है। अभी सभी काम मशीन से होने लगा है और इस स्थिति में सिर्फ शारीरिक संरचना के कारण किसी के साथ भेदभाव करना उसके साथ अन्याय करना ही है। महिला सशक्तिकरण में सबसे जरूरी चीज तो यह है कि लोगों की सोच बदलनी पड़ेगी और सभी जगह महिलाओं को बराबर का मौका देना पड़ेगा।

आज भी गांवों और शहरों में लोग बेटी से ज्यादा बेटे को मानते हैं। लड़कों को शिक्षा का अवसर दिया जाता है और लड़कियों को कम उम्र में ही शादी के बंधन में बांध दिया जाता है। लड़कियों को सिर्फ घर का काम करने तक ही सीमित रखा जाता है। आज के जमाने में लड़कियों को अच्छी शिक्षा मिलने का बराबर का हक है। महिला की स्थिति को मजबूत करने के लिए सबसे जरूरी कदम महिलाओं को शिक्षित करना है। शिक्षित होने के बाद ही महिलाएं खुद अपने पैरों पर खड़ी हो सकती है।

सरकार ने महिलाओं की स्थिति को मजबूत करने के लिए कई नियम बनाए हैं जिसमें दहेज के खिलाफ, भ्रूण हत्या के खिलाफ कड़े कानून बनाए गए हैं। लड़कियों को पढ़ाई में प्रोत्साहन देने के लिए कई योजनाएं चलाई गई है। जिसमें बहुत सारी जगह लड़कियों की फीस माफ कर दी गई है और बहुत सारे कॉलेजों में लड़कियों को रिजर्वेशन भी मिलता है। महिलाओं की शक्ति बढ़ाने के लिए अर्थात महिला सशक्तिकरण के लिए लोगों को अपनी सोच बदलनी पड़ेगी। उन्हें औरतों को इज्जत देनी चाहिए और उनके साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। महिला सशक्तिकरण के प्रयासों के कारण ही आज महिलाओं की स्थिति धीरे-धीरे मजबूत हो रही है और वह दिन दूर नहीं जब पुरुषों और महिलाओं में कोई भेदभाव नहीं रह जाएगा।

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