चिरायता एक प्राचीन जड़ी बूटी है। चिरायता के पत्तियों, तनों, फूलों और जड़ों का प्रयोग आयुर्वेदिक औषधियों के बनाने में किया जाता है। यह अत्यंत कड़वा होता है। चिरायता का उपयोग बुखार, कब्ज, पेट की समस्या, भूख न लगना, पेट के कीड़े, त्वचा रोग, सूजन, दमा, गठिया, मधुमेह और कैंसर जैसे विभिन्न रोगों के उपचार के लिए किया जाता है।
चिरायता के लाभ –
- चिरायता में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है, जो कैंसर के खिलाफ लड़ने में मदद करता है।
- चिरायता पेट की समस्याओं को दूर करने और भूख बढ़ाने में मदद करता है।
- चिरायता सर्दी और फ्लू के कारण होने वाले बुखार को बहुत जल्दी कम कर देता है।
- यह पेट के कीड़े को मारने और कब्ज दूर करने में मदद करता है।
- यह चकत्ते, त्वचा में सूजन और अन्य त्वचा की समस्याओं को दूर करता है।
- चिरायता मधुमेह के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
- चिरायता मलेरिया बुखार से राहत दिलाने में मदद करता है।
- चिरायता हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को रोकने में मदद करता है। इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट यौगिक होता है।
- चिरायता का रस कमजोरी के खिलाफ एक टॉनिक के रूप में काम करता है और शरीर को शक्ति प्रदान करता है।
- यह भारी मासिक, नाक से खून बहने और आंतरिक रक्तस्राव को रोकने में मदद करता है।
- यह एनीमिया से पीड़ित रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।
- इसमें रक्त को शुद्ध करने का गुण होता है।
- गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान और आंतों के अल्सर होने पर चिरायता का उपयोग नहीं करना चाहिए।
चिरायता का सेबन कैसे करें
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abhishek soni
Veri good information.
Cheryata motapa bhi kam krtea ha ya nhi
बहुत ही अच्छा है
बहुत ज्ञानवर्धक जानकारी / धन्यवाद!
Thank you this information
Pimple pr kaam krega na
चिरेता क्या कैंसर जो कि रीढ़ की हड्डी में है, और सिवियर टायफायड होने की दशा में दिया जा सकता है। और पीलिया 1.5 है। अपना निर्देश देने की कृपा करे।
कृपया जो भी निर्देश दे, वह हिंदी में email address par देने की कृपा करे।