म्यूचुअल फंड क्या है?



अगर आपके पास जरूरत से ज्यादा पैसे हो गए है और आप अपने पैसे को बढ़ाना चाहते हैं तो आपको पैसे को इनवेस्ट करना पड़ेगा। लेकिन इसमें सबसे दिक्कत वाली बात लोगों को यह लगता है कि पैसे को किसमें इनवेस्ट करें, यह ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता है। बहुत सारे लोगों के पास शेयर खरीदने बेचने और रखने के लिए डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट भी नहीं होता है। इस समस्या का हल है म्यूचुअल फंड। आपको अपने पैसे म्यूचुअल फंड की कंपनी को देना है और म्यूचुअल फंड की कंपनी आपके पैसे को अलग-अलग जगह इन्वेस्ट करेगी। अगर म्युचुअल फंड कंपनी ने पैसे सही जगह लगाए हैं तो अच्छा खासा मुनाफा हो सकता है और उस पैसे का जो भी मुनाफा होगा उसे वह आपको लौटा देगा। म्यूचुअल फंड कंपनी वाले आपके इन्वेस्टमेंट के लिए कुछ फीस भी वसूल कर सकता है। इस तरह से आप म्यूचुअल फंड कंपनी को कुछ कमीशन देकर अपने इन्वेस्टमेंट पर लाभ कमा सकते हैं।

लेकिन म्यूचुअल फंड के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि म्यूचुअल फंड कंपनी वाले आपके पैसे को किस-किस जगह इनवेस्ट करेंगे वह आपसे पूछेंगे नहीं और उनका जो मन करेगा वह उसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड कंपनी वाले जिस कंपनी की चाहे उसके शेयर खरीद सकते हैं और आपको पूरी तरह म्युचुअल फंड कंपनी पर निर्भर रहना पड़ेगा।

म्यूचुअल फंड में आप अपने इन्वेस्टमेंट का पूरा ट्रैक रख सकते हैं। असल में म्युचुअल फंड कंपनी के पास सिर्फ आपका ही पैसा नहीं आता है, बहुत सारे आपके तरह और भी इन्वेस्टर का पैसा रहता है। जितने भी पैसे उनके पास जमा होते हैं उनको वह यूनिट में डिवाइड कर देता है और जैसे उसे प्रॉफिट या नुकसान होता है उस यूनिट का दाम भी उसी तरह बढ़ता या घटता है। आपके पास जितने यूनिट होंगे इससे आपका इन्वेस्टमेंट से कितना रिटर्न हो रहा है वह रोज पता चलता रहता है। म्युचुअल फंड कंपनी वाले अपनी म्यूचुअल फंड का करंट मूल्य रोज बदलते हैं।

म्यूचुअल फंड में पैसे इनवेस्ट करना काफी आसान है। सरकार का म्यूचुअल फंड कंपनी पर काफी नियंत्रण रहता है जिससे धोखाधड़ी की संभावना बहुत ही कम रहती है। सिर्फ रिस्क इतना रहता है कि अगर म्युचुअल फंड कंपनी वाले ने गलत स्टॉक़ खरीद लिए हैं और स्टॉक के दाम घट जाते हैं तो आप को नुकसान भी सहना पड़ सकता है।

म्युचुअल फंड भी कई तरह के होते हैं, कुछ तो ज्यादा रिटर्न देने वाले होते हैं लेकिन उसके साथ डूबने का रिस्क भी ज्यादा होता है। कुछ म्युचुअल फंड कम रिटर्न देते हैं लेकिन रिटर्न की संभावना ज्यादा होती है। यह आपके ऊपर है कि आप कौन सा म्युचुअल फंड चुनते हैं। आप ज्यादा जोखिम वाला म्यूचुअल फंड चुनना पसंद करेंगे, जिसमें ज्यादा रिटर्न मिल सकता है या फिर आप कम जोखिम वाला म्यूचुअल फंड पसंद करते हैं जिसमें कम रिटर्न की उम्मीद है।

कुछ तरह के म्युचुअल फंड खरीदने से आपको टैक्स बेनिफिट भी मिल सकता है लेकिन उसमें आपको अपने पैसे कुछ सालों के लिए लॉक करने पड़ेंगे। मतलब यह है कि आप एक बार इनवेस्टमेंट करने के बाद आप कोई पैसे तुरंत वापस नहीं ले सकते हैं, आपको कुछ साल रुकना पड़ेगा। म्यूचुअल फंड चुनने के पहले देखें कि वह फंड किस तरह परफॉर्म कर रहा है और उसे कौन आदमी हैंडल कर रहा है।

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